Friday, May 18, 2012

जज़्बात -

जज़्बात -०२

कई दिनों से मेरी रश्मि से कोई बात नहीं हुयी. पता नहीं क्यों. उसके यहाँ परगम है. और वो उसमे काफी व्यस्त है. पर पहले भी व्यस्त रहते थी वो. पहले भी बात करती थी बाहर जाती थी तो भी बात करती थी. भले ही ५ मिनट ही सही.
मुझे तो लगता है की सारी बात सिर्फ और सिर्फ उसके घर पढ़ने को ले कर है. मैंने मना किया था की मुझे मत बुलाओ वरना फिर कोई न कोई बवाल खड़ा करोगी. lekin है अपने परिवार के लिए दोस्ती को निपटा दिया . गिफ्ट भी दिया और बात भी करना बंद कर दी. वजह तो बताई ही नहीं. कहती है की अभी उसके बाद मेरे लिए टाइम नहीं है, और मेरे पास इतना कम टाइम होने के बाद उसके घर के बच्चे का प्रोजेक्ट जितना हो सका कोम्प्लेते करवाया. अब पत्रिका उसके घर के बच्चे से ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं है. उसके बाद भी मै गया अपना वक्त निकाल कर, सब उसकी वजह से किया था मैंने. पर उसके बाद उसने एक बार भी सम्पर्क नहीं किया.
मैंने मैसेज किया तो भी उसका कोई जवाब नहीं दिया. फ़ोन भी नहीं उठाया..
उसे बात करना बंद करना था तो मुझे कह देती तो वैसे भी मै कुछ नहीं कहता. उसकी ज़िन्दगी है वो चाहे जितना जिए.. जिसके साथ जिए. मैंने तो नहीं कहा था की मुझसे दोस्ती रखो.
पर मेरा मन आज भी यही कहता है की वो मुझसे बात जरूर करेगी. कब करेगी ये नहीं पता.जिसने मेरे बढने के लिए अपनी पोक्केट मोनी के रुपये मुझे दिया. मेरे मना करने के बावजूद वो मेरी हर कदम पे मेरा साथ दिया.. अपने ससुराल से संघर्ष करके मेरे से बात करती रही. मेरी हर ख़ुशी में वो सरीख हुयी और गम में मुझे हर पल फ़ोन किया. मिली नहीं पर पिछले ६ सालो के एक भी पल ऐसा नहीं था जब उसने मुझे सपोर्ट किया... मेरी कितनी बार उससे बहस हुयी पर उसने आज तक बात बंद नहीं की. जिसने आज तक मेरी खुशियों के लिए खुद संघर्ष किया पर मेरी ख़ुशी में आंच तक आने नहीं दी.
हर वक्त मेरी जॉब से लेकर मेरी सफलता तक उसने मेरा सुप्पोर्ट किया. सचिन सर के यहाँ भी जाने के लिए उसने मेरे हर पल में मदद की थी. सचिन सर की क्लास में जाना उसके जन्मदिन में उसके द्वारा लिया गया गिफ्ट था. मेरा वक्त जो वो अपने अनुसार मुझे सुधरने के लिए दचिन सर को दी. उनकी फीस भी दी. मेरी इंग्लिश स्पोकेन से लेकर यान ग्रुप बनाने. तक में वो मेरा हर पल साथ दिया ,
अपनी ससुरल में रहकर . मेरी उनसब से पहचान करवाई. मेरा समर्थन किया.

फ्रेंडशिप डे से लेकर बर्थडे तक मुझ तक कार्ड्स और गिफ्ट पहुचाये. मै जन्मदिन कभी नहीं मनाया पर उसने मेरे से जिद करके ट्रीट ली.
मुझे द्रेस्सिंग सेन्से से लेकर बेस्ट लूकिंग सेन्से तक बताया. एक अमीर इन्शान कैसे बन सकता है कोई मिडिल क्लास परसन ये भी बताया.
मुझे आज भी याद है जब मैंने उसे पहला जन्मदिन का तोहफा दिया था/ और ये कह दिया की ये मेरी औकात है हो सकता है पसंद आये या नहीं. क्योकि वो बहुत अमीर घर से थी. तो वो काफी नाराज हुयी थी.. बाद में उसने मेरी हथेली चूम कर मुझे थैंक्स कहा था.
पर न जाने क्यों आज क्या होगया की इतने सालो में मेरा अनुभव ये कहता है की वो २-३ दिन से ज्यादा दिन मुझसे बात किये बिना नहीं रही. वो जानती है की मै सब्र नहीं रख पाता हु. मेरे अन्दर ये सबसे बड़ी कमी है, जब मूड ऑफ हो तो कुछ भी होसकता है. पर इस बार पता नहीं वो क्या चाहती है. क्यों ऐसा कर रही वो मुझसे ६-७ साल बड़ी है. पर कभी गुरूर नहीं किया .
उसको एक बात पे ज्यादा गुस्सा आता है की जब मै पूंछता हु की बात कब करोगे. कल बात करोगे,
जब भी वो मुझसे नाराज हुयी तो सिर्फ इस लिए ही. पर इस बार तो उसने अंतिम bar मुझसे यही कहा की अभी काम की बात करो. व्यस्त हू बाद में बात करूंगी. बत बाद कब होगा ये बात न मुझे पता है और यदि उससे पूंछो तो गुस्सा हो जातीहै.:) ,,,,,,, इस बार तो उसने यहाँ तक कह दिया की अभी मै बात नहीं कर सकती. कब तक नहीकर सकती पता नहीं. अभी मेरा तुमपे कोई इंटरेस्ट नहीं है. बाद में फिर एक और बार बात की पर उस वक्त वो वाकये ज्यादा व्यस्त थी. पर कब बात करेगी ये अभी भी राज है.अजीब दास्ताँ है पता ही नहीं की कया होने वाला है. इस वजह से पिछले ३० घंटे से मेरा मूड बहुत ख़राब है. पर ये सवाल बार बार मेरे मन में उठ रहा है की. कही उसने मुझसे दोस्ती ख़त्म तो नहीं कर दो. जो आने वाला वख्त बताएगा..... (जारी है .......)

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